Rajasthan: FIR lodged against Baba Ramdev, claimed to have invented Corona's medicine
Baba Ramdev has on Tuesday claimed to have invented the medicine to treat corona.
Sharad Purohit / Jaipur: Pantjali Ayurveda Haridwar and Nims University jointly launched the drug Coronil on Tuesday to correct Coronavirus, followed by others including Baba Ramdev at the Gandhinagar police station in Jaipur. A complaint has been filed.
In fact, Baba Ramdev on Tuesday claimed to invent the medicine to treat corona. Additional Police Commissioner Ashok Gupta told that, Dr. Sanjeev Gupta, resident of Gandhinagar, complained to the police station that, Dr. Balbir Singh Tomar, Chairman of Patanjali Ayurved Haridwar, Baba Ramdev of Divya Pharmacy Haridwar, Acharya Bal Krishna, Chairman of NIMS University, Jaipur, along with his colleagues Together, they have claimed that they have invented the drug Coronil, which corrects the patient suffering from Corona virus.
The complainant alleged that Baba Ramdev, Acharya Bal Krishna, Dr. Balbir Singh Tomar claimed that 280 patients were included in the clinical case study of coronil, then clinical control trials were conducted on 100 patients. Within 3 days, 69 percent of the patients turned negative and 100 percent of the patients were cured within 7 days. The death rate was 0 percent during this period. But during this disaster, Baba Ramdev, Acharya Bal Krishna and Dr. Balbir Singh Tomar and their colleagues organized and planned the country without misleading the people of the country, without the permission of the Central Government, Ministry of Health and the ICMR. In a press conference with the intention of misleading and robbing the public, he propagated that his company has found a cure for corona virus disease.
Along with this, claimed that coronil medicine will cure this disease. But at present the epidemic act is in force in the whole country and Rajasthan and at such a time, clinical trials of patients, preparation, promotion and promotion of any drug without permission of the Central Government, Ministry of Health and ICMR, Drug Controller of India- Spreading and selling is a legal offense.
Here, after this written complaint, Gandhinagar police registered a complaint against all the accused. Additional Police Commissioner Ashok Gupta said that, the complaint is being investigated. Only after this, a decision will be taken to register an FIR (FIR). However, if the matter is related to Chandwaji and Haridwar, then it will be decided about which police station it will be investigated.
राजस्थान: बाबा रामदेव पर FIR दर्ज, कोरोना की दवा का अविष्कार का किया दावा
बाबा रामदेव ने मंगलवार को जोरशोर से कोरोना के इलाज की दवा का अविष्कार करने का दावा किया है.
शरद पुरोहित/जयपुर: पंतजली आयुर्वेद हरिद्वार व निम्स यूनिवर्सिटी ने मिलकर कोरोना वायरस (Coronavirus) को सही करने के लिए, मंगलवार को दवा कोरोनिल को लांच किया, जिसके बाद जयपुर में गांधीनगर थाने में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) सहित अन्य लोगों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया है.
दरअसल, बाबा रामदेव ने मंगलवार को जोरशोर से कोरोना के इलाज की दवा का अविष्कार करने का दावा किया. एडिश्नल पुलिस कमिश्नर अशोक गुप्ता ने बताया कि, गांधीनगर निवासी डॉक्टर संजीव गुप्ता ने थाने में शिकायत दी कि, पतंजली आयुर्वेद हरिद्वार, दिव्य फार्मेसी हरिद्वार के बाबा रामदेव, आचार्य बाल कृष्णा, निम्स विश्वविधालय जयपुर के चेयरमेन डॉ बलबीर सिंह तोमर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दावा किया है कि, उन्होने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज को सही करने वाली दवा कोरोनिल का अविष्कार किया है.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि, बाबा रामदेव, आचार्य बाल कृष्णा, डा. बलबीर सिंह तोमर का दावा है कि, कोरोनिल की क्लीनिकल केस स्टडी में 280 मरीजों को शामिल किया गया, फिर 100 मरीजों के उपर क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल की गई. 3 दिन के अंदर 69 प्रतिशत मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हो गए और 7 दिन के अंदर 100 प्रतिशत रोगी ठीक हो गए. डेथ रेट इस दौरान 0 प्रतिशत रहा. लेकिन इस आपदा के दौरान देश की जनता को गुमराह कर बिना केन्द्र सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर (ICMR) की अनुमति के बिना, बाबा रामदेव, आचार्य बाल कृष्णा व डा. बलबीर सिंह तोमर व उनके सहयोगियों ने संगठित व सुनियोजित तरीके से देश की जनता को गुमराह करने और लूटने की नीयत से एक प्रेस कॉफ्रेंस करके ये दुष्प्रचार किया कि, उनकी कंपनी ने कोरोना वायरस बीमारी का इलाज ढूंढ लिया है.
इसके साथ ही दावा किया कि, कोरोनिल दवाई से ये बीमारी दूर हो जाएगी. लेकिन इस समय पूरे देश में व राजस्थान में महामारी एक्ट लागू है और ऐसे समय में केन्द्र सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर, ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की बिना अनुमति के किसी दवा का मरीजो के उपर क्लिनिकल ट्रायल करना, दवा को बनाना, उसका प्रचार-प्रसार करना व बेचना कानूनन जुर्म है.
इधर, इस लिखित शिकायत के बाद गांधीनगर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ परिवाद दर्ज कर लिया. एडिश्नल पुलिस कमिश्नर अशोक गुप्ता ने कहा कि, परिवाद की जांच करवाई जा रही है. इसके बाद ही एफआईआर (FIR) दर्ज करने का निर्णय लिया जाएगा. हालांकि, मामला चंदवाजी और हरिद्वार से जूड़ा है तो इसकी जांच किस थाने से होगी इसको लेकर भी तय किया जाएगा.